ब्रह्मकमल लेने को फुलारी रवाना

नंदा अष्टमी मेले के लिए ब्रह्मकमल लेने को जोशीमठ के नंदा मंदिर से

फुलारी रविवार को षष्ठी तिथि के दिन बुग्याल के लिए रवाना हो गए हैं। पहाड़ों में पुरातन काल से ही नंदा अष्टमी के पर्व को बड़े ही धूमधाम से बनाया जाता है। नंदा अष्टमी से दो दिन पहले गांव के कुछ लोग फुलारी के रूप में बुग्यालों की तरफ ब्रह्म कमल लेने के लिए रवाना हो जाते हैं। जोशीमठ के स्थानीय ऋषि प्रसाद सती ने बताया की ब्रह्म कमल लेने गए इन फुलारियो को नियमों का पालन करना नितांत आवश्यक होता है। यह लोग स्नान इत्यादि के बाद बिना कुछ खाए पिए धोती कुर्ते की पारंपरिक वेशभूषा धारण कर रिगाल से बनी कंडी में पूजन सामग्री लेकर बुग्यालो की ओर जाते हैं। फुलारी रविवार को रात्रि विश्राम ब्रह्मकमल की कैरियो से कुछ दूरी पर करेंगे। और सोमवार को सप्तमी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में बुग्याल के देवी देवताओं का पूजन इत्यादि करने के बाद ब्रह्म कमल की कैरियो में प्रवेश कर ब्रह्म कमल का दोहन करेंगे। 

*जागर और कीर्तनों का होगा आयोजन* 

सोमवार सप्तमी तिथि की शाम तक बुग्यालों की ओर गए फुलारी ब्रह्मकमल दोहन कर जोशीमठ स्थित नंदा मंदिर पहुंच जाएंगे। जहां ब्रह्म कमलों से देवी नंदा के मंदिर की सजावट की जाएगी। और रात भर जागर और कीर्तन भजन किए जाएंगे। इस दौरान मां नंदा अपने पश्वे पर अवतरित होकर भक्तों को आशीर्वाद भी देती है। 

*अष्टमी को कैलाश लौट जाएगी नंदा* 

मंगलवार की सुबह नंदा मंदिर में नंदा अष्टमी के मेले का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भक्तगण कैलाश से अपने मायके आई मां नंदा को दान दक्षिणा पूजन इत्यादि से प्रफुल्लित कर क्षेत्र और अपनी खुशहाली के लिए मनोकामनाएं मांगते हैं। और जिसके बाद नम आंखों के साथ मां नंदा अपने ससुराल कैलाश पर्वत के लिए रवाना हो जाती है।
The post ब्रह्मकमल लेने को फुलारी रवाना appeared first on Dainik Bhaskar | Uttar Pradesh News, UP Dainikbhaskar.

Related Articles

Back to top button